राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें उनकी निजी विदेश यात्राओं पर निगरानी रखने के नियमों को सख्त कर दिया गया है। अब यदि कोई सरकारी कर्मचारी निजी यात्रा पर विदेश जाना चाहता है, तो उसे पहले से अधिक जानकारी देनी होगी। इनमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि उन्हें यह बताना पड़ेगा कि यात्रा के लिए धन की व्यवस्था कहां से की गई है।
नई गाइडलाइन की प्रमुख शर्तें
- धन का स्रोत बताना जरूरी: अब से सरकारी कर्मचारियों को विदेश यात्रा के लिए किए गए खर्च का स्रोत बताना होगा। पहले ऐसा कोई नियम नहीं था, लेकिन अब यात्रा से पहले खर्च की जानकारी और पिछले चार वर्षों में की गई विदेश यात्राओं का ब्यौरा देना अनिवार्य कर दिया गया है।
- त्वरित मंजूरी: विदेश यात्रा के लिए मंजूरी की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। कर्मचारियों को केवल अपने सक्षम अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। हालांकि, IAS और IPS अधिकारियों के लिए मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री से अनुमति लेना अनिवार्य रहेगा।
- प्रोफार्मा की नई शर्तें: वित्त विभाग ने इसके लिए एक नया प्रोफार्मा जारी किया है, जिसमें कर्मचारियों को अपनी विदेश यात्रा के बारे में विस्तृत जानकारी भरनी होगी। इसमें यात्रा का स्थान, अवधि, संभावित खर्च और इसके लिए धन की व्यवस्था की जानकारी देनी होगी।
- व्यापार या नौकरी पर रोक: निजी विदेश यात्रा के दौरान कर्मचारी किसी भी प्रकार की नौकरी या व्यापार नहीं कर सकेंगे।
- विदेशी संस्था के निमंत्रण पर यात्रा: यदि कर्मचारी किसी विदेशी संस्था के निमंत्रण पर यात्रा कर रहे हैं और उस संस्था द्वारा यात्रा का खर्च वहन किया जा रहा है, तो इसके लिए उन्हें काडर कंट्रोलिंग अधिकारी जैसे मुख्य सचिव से अनुमति लेनी होगी।
- सरकारी खर्च नहीं होगा: सरकार किसी भी निजी विदेश यात्रा का खर्च वहन नहीं करेगी।
राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है कड़ी निगरानी और पारदर्शिता
सरकार ने इन नियमों को लागू करके सरकारी कर्मचारियों की विदेश यात्राओं पर कड़ी नजर रखने का निर्णय लिया है। इससे न केवल कर्मचारियों की विदेश यात्राओं का सही ब्यौरा रहेगा, बल्कि यात्रा के लिए धन की व्यवस्था की पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। अब तक कर्मचारियों को केवल यात्रा की अवधि और कारण बताना होता था, लेकिन नए नियमों के तहत यात्रा के खर्च और इसके स्रोत की जानकारी भी देना जरूरी होगा।
पहली बार ऐसी जानकारी मांगी जा रही है
यह पहली बार है जब राजस्थान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की निजी विदेश यात्राओं को लेकर इतनी विस्तृत जानकारी मांगी है। इससे सरकारी कर्मचारियों की गतिविधियों पर सरकार की बेहतर निगरानी हो सकेगी और भ्रष्टाचार या अनियमितताओं पर भी अंकुश लगेगा।
इन नई शर्तों के तहत, सरकार का उद्देश्य यह है कि सरकारी कर्मचारी विदेश यात्राओं के दौरान किसी अवांछनीय गतिविधि में शामिल न हों और उनकी यात्रा पूरी तरह से वैध और पारदर्शी हो।