राजस्थान भव्य कार्यक्रम में भाजपा को निमंत्रण नहीं की राजधानी जयपुर में हाल ही में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को मुख्य अतिथि बनाया गया, जबकि भाजपा और सरकार के नेताओं को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। इस आयोजन ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। कार्यक्रम जयपुर हलवाई कैटरर्स कल्याण समिति द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें 10,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे। इस आयोजन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और आदर्श नगर के विधायक रफीक खान को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
भाजपा नेताओं को नहीं दिया गया निमंत्रण
कार्यक्रम की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि भाजपा के किसी भी नेता या मंत्री को इस आयोजन में निमंत्रण नहीं दिया गया। जयपुर में भाजपा का प्रदेश मुख्यालय स्थित है, और भाजपा के कई प्रमुख नेता इस क्षेत्र से जुड़े हैं, फिर भी उन्हें कार्यक्रम से दूर रखा गया। आयोजन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और अन्य प्रमुख भाजपा विधायकों को आमंत्रित न किए जाने से भाजपा समर्थकों के बीच असंतोष बढ़ता नजर आ रहा है।
कांग्रेस नेताओं का रहा दबदबा
इस कार्यक्रम में कांग्रेस के नेताओं का दबदबा देखने को मिला। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया, जबकि गोविंद सिंह डोटासरा और रफीक खान जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी विशिष्ट अतिथि रहे। इसके अलावा, कार्यक्रम में पूर्व खाद्य मंत्री बाबूलाल नागर को भी अतिथि के रूप में बुलाया गया था। इस आयोजन की भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 10,000 से अधिक मेहमानों के लिए 500 से ज्यादा विभिन्न प्रकार के भोजन परोसे गए थे।
भाजपा की उपेक्षा से व्यापारियों में नाराजगी
कार्यक्रम में भाजपा के नेताओं को नजरअंदाज करने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एक ओर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ‘राइजिंग राजस्थान’ कार्यक्रम के तहत राज्य में निवेश और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जयपुर में व्यापारियों के बीच सरकार के प्रति असंतोष उभरता दिख रहा है। माना जा रहा है कि मात्र 10 महीने पुरानी सरकार से व्यापारियों का मोहभंग हो रहा है।
राजनीतिक संकेत
इस आयोजन को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा नेताओं को कार्यक्रम से दूर रखने का निर्णय एक बड़ा राजनीतिक संदेश हो सकता है। भाजपा का मुख्यालय जयपुर में होने के बावजूद, पार्टी के नेताओं को निमंत्रण न देना राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जो आगामी चुनावों में असर डाल सकता है।
निष्कर्ष
जयपुर में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम ने राज्य की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेताओं का दबदबा और भाजपा नेताओं को निमंत्रण न दिया जाना यह दर्शाता है कि राज्य की राजनीति में किस तरह की चालें चली जा रही हैं। आने वाले चुनावों में इस घटना का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच की यह लड़ाई गहराती जा रही है।