कोटपूतली बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन
राजस्थान के कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी तीन साल की बच्ची चेतना को बचाने का ऑपरेशन सातवें दिन भी जारी है। भूखी-प्यासी मासूम 120 फीट की गहराई पर एक हुक से लटकी हुई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें 170 फीट गहरे गड्ढे में सुरंग खोदकर चेतना तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
रेस्क्यू टीम का दावा है कि वे बच्ची के काफी करीब पहुंच चुके हैं और आज (रविवार) उसे बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जाएगी। हालांकि, मंगलवार (24 दिसंबर) की शाम से चेतना का कोई मूवमेंट कैमरे में दर्ज नहीं हुआ है, जिससे चिंता और बढ़ गई है।
राजस्थान का सबसे मुश्किल ऑपरेशन
कोटपूतली-बहरोड़ की कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने इसे राजस्थान का अब तक का सबसे मुश्किल ऑपरेशन बताया। खुदाई के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। चेतना की मां धोली देवी बेटी को बाहर निकालने में हो रही देरी से बेहद परेशान हैं।
परिवार ने प्रशासन पर लगाए आरोप
शनिवार को चेतना के परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए। चेतना के ताऊ शुभराम का कहना है कि अधिकारी स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे और कलेक्टर से मिलने तक का समय नहीं दिया जा रहा।
रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रक्रिया
एनडीआरएफ ने छह जवानों की तीन टीमें बनाई हैं। हर टीम से दो जवान बारी-बारी से 170 फीट गहरे गड्ढे में उतरकर सुरंग खोद रहे हैं। हर 20-25 मिनट में टीमों की अदला-बदली की जा रही है। जवानों के लिए ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की गई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन का विस्तृत विवरण
23 दिसंबर
- दोपहर 1:50 बजे चेतना किरतपुरा क्षेत्र के बोरवेल में गिरी।
- शाम 3:45 बजे पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई गई।
- रात में चेतना को निकालने के दो प्रयास असफल रहे।
24 दिसंबर
- सुबह 5:30 बजे प्रशासन ने चेतना को हुक से खींचने की कोशिश शुरू की।
- रात 11 बजे गुरुग्राम से पाइलिंग मशीन मंगवाई गई।
25-26 दिसंबर
- 170 फीट गहरे गड्ढे की खुदाई की गई।
- पत्थरों के कारण मशीनें बार-बार रुक रही थीं।
- खराब मौसम और बारिश ने रेस्क्यू में बाधा डाली।
27 दिसंबर
- गड्ढे में लोहे के पाइप फिट किए गए।
- वेल्डिंग और पाइप की फिटिंग रात तक जारी रही।
28 दिसंबर
- एनडीआरएफ की टीमें 4 फीट लंबी सुरंग खोदने में सफल रहीं।
चेतना को बचाने की उम्मीद
रेस्क्यू टीम का कहना है कि वे बच्ची तक पहुंचने के बेहद करीब हैं। राजस्थान के इस जटिलतम ऑपरेशन में हर पल बेहद महत्वपूर्ण है। चेतना की सलामती के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा है।
आपकी दुआओं में चेतना के लिए जगह बनाएं।