राजस्थान नए जिलों के पुनर्गठन पर जल्द होगा निर्णय में नए जिलों के गठन को लेकर चल रही चर्चाओं पर उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा है कि जनता की सहूलियत को ध्यान में रखकर जल्द निर्णय लिया जाएगा। जयपुर में आयोजित भाजपा प्रदेश कार्यालय के सदस्यता अभियान कार्यशाला में हिस्सा लेने आए राठौड़ ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी।
राठौड़ ने बताया कि जिलों के गठन को लेकर जनता में काफी उत्सुकता है, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि जिलों की घोषणा केवल हवा में नहीं हो, बल्कि एक मजबूत आधार पर हो। उन्होंने कहा, “जिले घोषित करने से पहले वहां के प्रशासनिक ढांचे, अधिकारियों की तैनाती और अन्य व्यवस्थाओं का ध्यान रखना जरूरी है। इसमें हजारों करोड़ रुपए खर्च होते हैं और समय भी लगता है।”
जनता की सहूलियत प्राथमिकता
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह है कि हर गांव, ढाणी और शहर से जिला मुख्यालय नजदीक हो ताकि लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सके। उन्होंने कहा कि नए जिलों के गठन में यह प्राथमिकता दी जाएगी कि जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और प्रशासनिक कार्यों में आसानी हो।
कांग्रेस पर हमला
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को ‘सर्कस’ कहने पर प्रतिक्रिया देते हुए राठौड़ ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “जो सरकार अपने कार्यकाल के चौथे वर्ष में निवेश समिट करे, करोड़ों खर्च करे, और नतीजा कुछ न निकले, वही सर्कस होती है।” उन्होंने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था और महिलाओं के प्रति अपराधों को लेकर सरकार असफल रही है।
विकास और पूंजी निवेश की दिशा में ‘राइजिंग राजस्थान’
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राज्य के विकास के लिए भाजपा सरकार की पहल को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘राइजिंग राजस्थान’ एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार के नेतृत्व में राजस्थान ने अब तक 12.5 लाख करोड़ के एमओयू साइन किए हैं, जो प्रदेश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के काम से देश-विदेश में राजस्थान की छवि एक निवेश-अनुकूल राज्य के रूप में उभर रही है।
राठौड़ ने कांग्रेस पर झूठे प्रचार का आरोप लगाया और कहा कि जनता भाजपा के साथ है, क्योंकि भाजपा सरकार की नीतियां देश और प्रदेश को आगे बढ़ाने में सक्षम हैं।