राजसमंद चुनाव में गड़बड़ी-राजस्थान हाईकोर्ट ने राजसमंद लोकसभा चुनाव 2024 से जुड़े गड़बड़ी के आरोपों पर गंभीरता दिखाते हुए सांसद महिमा कुमारी मेवाड़, उनके पति नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ और राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस मदन गोपाल व्यास की बेंच में हो रही है, जिसने 16 दिसंबर 2024 को अगली सुनवाई तय की है।
चुनाव याचिका में क्या हैं आरोप?
निर्दलीय प्रत्याशी और एडवोकेट जितेंद्र कुमार खटीक द्वारा दाखिल याचिका में गंभीर आरोप लगाए गए हैं:
शपथ पत्र में विसंगति: महिमा कुमारी और विश्वराज सिंह ने अपने शपथ पत्र में संपत्ति और पैन कार्ड संबंधी जानकारियों में भिन्नताएं पेश कीं। महिमा ने 5 पैन कार्ड की जानकारी दी, जबकि विश्वराज ने 4।
दोहरे वोटर कार्ड का मामला: दीप्ति माहेश्वरी पर दो अलग-अलग जगहों (राजसमंद और उदयपुर) के वोटर कार्ड का इस्तेमाल करने का आरोप है।
मतदाताओं को प्रलोभन: चुनाव के दौरान मतदाताओं को फ्री गिफ्ट और सामान बांटकर लुभाने का आरोप लगाया गया। वी-मार्ट मॉल के माध्यम से यह गतिविधियां कथित रूप से की गईं।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद सभी पक्षकारों से जवाब मांगा है। याचिका में लोकसभा चुनाव की वैधता पर सवाल उठाते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है।
पारिवारिक विवाद ने बढ़ाई मुश्किलें
विश्वराज सिंह मेवाड़, जो महाराणा प्रताप के वंशज हैं, पहले से ही पारिवारिक विवादों में उलझे हुए हैं। हाल ही में राजतिलक के बाद उनके भाई ने भी उन्हें कानूनी नोटिस भेजा था। अब चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
आगे क्या?
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, हाईकोर्ट के आदेश और सभी पक्षकारों की प्रतिक्रिया पर सबकी निगाहें हैं। अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह मामले राजसमंद की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
निष्कर्ष
यह मामला न केवल राजनीतिक पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़ा करता है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया में सुधार की जरूरत पर भी जोर देता है। 16 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई इस दिशा में अहम साबित हो सकती है।