यूपी उपचुनाव में अयोध्या की सीट और कटेहरी सीट उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा ने अहम फैसले किए हैं। दिल्ली में भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के साथ एक बैठक में यह तय किया गया कि कटेहरी, मझवां, फुलपुर, और मिल्कीपुर सीटों पर पिछड़े समुदाय के नेताओं को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। खासकर कटेहरी और मझवां सीटों पर पिछड़े वर्ग के नेताओं को उतारने की योजना है, जबकि मिल्कीपुर सीट से दलित चेहरा उतारा जाएगा, जो एक सुरक्षित सीट है। इन सीटों पर जीत भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यक्तिगत रूप से इनकी जिम्मेदारी ली है।
बैठक में भाजपा के शीर्ष नेताओं ने जातीय समीकरणों, मौजूदा मुद्दों, और प्रचार अभियानों पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री योगी ने अब तक की गई रैलियों, जनसभाओं, और विकास कार्यों की रिपोर्ट दी। इसके अलावा, भाजपा ने सपा और बसपा द्वारा उम्मीदवार उतारने पर अपनी रणनीति तैयार की, विशेष रूप से उन सीटों पर अधिक फोकस किया जा रहा है, जहां सपा का कब्जा है।
संजय निषाद को मनाने की कोशिश
कटेहरी और मझवां सीटों पर संजय निषाद की पार्टी भी दावेदारी जता रही है। भाजपा ने निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद को मनाने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को दी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नेताओं को निर्देश दिया है कि संजय निषाद को समझाया जाए कि भाजपा की ओर से सिर्फ एक सीट दी जाएगी, वह भी भाजपा lastest news in hindiके सिंबल पर।
गठबंधन धर्म पर जोर
संजय निषाद का कहना है कि गठबंधन धर्म का पालन होना चाहिए। 2022 के चुनाव में कटेहरी और मझवां सीटें निषाद पार्टी को दी गई थीं, तो इस बार भी उन्हें वही सीटें मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि रालोद को मीरापुर सीट दी गई है, इसलिए निषाद पार्टी को भी दोनों सीटें मिलनी चाहिए।