किया प्रचार वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना
अजमेर, 3 अगस्त। जिला मुख्यालय पर मौसमी बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रचार वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया।
आमजन को मौसमी बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रचार वाहन को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. सोनी, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस.जोधा एवं उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस. किराडिया ने स्वास्थ्य संकुल के कार्मिकों की उपस्थिति में हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। सीएमएचओ डॉ. सोनी ने बताया कि इस वाहन के माध्यम से अजमेर शहर में डेंगू, मलेरिया एवं चिकनगुनिया के प्रति आमजन को जागरूक किया जाएगा। यह प्रचार-प्रसार वाहन अजमेर शहर में प्रत्येक वार्ड एवं मौहल्ले मे भ्रमण कर आमजन को इन मौसमी रोगों से बचाव की जानकारी प्रदान करेगा। इससे नागरिक वर्षा ऋतु में होने वाली मच्छरजनित बीमारियों से बच सकेंगे।
उन्होंने बताया कि डेंगू, मलेरिया एवं चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य संकुल परिसर में संचालित लार्वाभक्षी गप्पी मछलियों का पालन टैंक (हैचरी) को भी नियमित रूप से संधारित किया जा रहा है। इससे जिले और सम्भाग में गप्पी मछलियों की आवश्कतानुसार सप्लाई की जाएगी। गप्पी मछलियां मच्छरों के लार्वा को खाती है। इससे वयस्क मच्छर बन ही नहीं पाते है। मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए समय-समय पर जिले में संचालित ब्लॉक एवं चिकित्सा संस्थानों को नियंत्रण कार्यवाही के निर्देश जारी किए गए। मलेरिया रोधी सामग्री जैसे टेमीफोस, पायरथ्रम, बीटीआई, माईक्रोग्लास स्लाईड एवं आवश्यक औषधियां के साथ-साथ प्रचार-प्रसार के लिए पेम्पलेट इत्यादि की सप्लाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि नियंत्रण कार्यवाही के तहत जिले के दो हाईरिस्की ब्लॉक केकडी और जवाजा में एक जून से 15 अगस्त के मध्य डीडीटी कीटनाशक छिड़काव का प्रथम चरण जारी है। द्वितीय चरण 16 अगस्त से 31 अक्टूबर तक संचालित होगा। डीडीटी कीटनाशक छिड़काव का द्वितीय चरण प्रारम्भ किया जाएगा। जिले के समस्त ब्लॉक पर उपलब्ध फोगिंग मशीनों को दुरस्थ करवा दिया गया हैं। इनका आवश्कता होने पर उपयोग लिया जा सकेगा। जिले में मौसमी बीमारीयों एवं डेंगू, मलेरिया एवं चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए नियमित रूप से चिकित्सा कार्मिकों द्वारा घर-घर सर्वे कर मलेरिया रक्त पट्किाओं का संचयन, ओआरएस घोल का वितरण एवं पीने के पानी के नमूने लिए जा रहे है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से आमजन के लिए इन रोगों से बचाव के लिए उपाय सुझाए गए है। छोटे बच्चों को पूरी आस्तीन के कपडे पहनावें। घरों के खिडकी-दरवाजों पर मच्छर जाली लगावें। घरों में मच्छरदानी का उपयोग करें और रिप्लेंट जैसे ऑलआउट, मच्छररोधी क्रीम इत्यादि का प्रयोग करें। घरों में उपयोग किये जाने वाले कूलर का पानी, फ्रीज की ट्रे, पक्षियों के परिंडे, घरों के बाहर रखी जानवरों की टंकियों के पानी को प्रति सप्ताह बदलें। इन्हें अच्छी तरह से रगडकर धोंऎ उसके बाद ही पुनः पानी भरें। इससे पहले के पानी के मच्छरों के लार्वा पूरी तरह से नष्ट हो सकेंगे।