अजमेर, 14 जुलाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को पुष्कर के राजकीय महाविद्यालय भवन का वीसी के माध्यम से लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा वीसी के माध्यम से राज्य के 11 राजकीय महाविद्यालयों का लोकार्पण एवं 2 महाविद्यालयों का शिलान्यास किया गया। अजमेर जिले के पुष्कर में राजकीय महाविद्यालय भवन का लोकार्पण किया। इस महाविद्यालय की स्थापना 2013 में की गई थी। यहां कला वर्ग के लिए स्नातक स्तर का अध्ययन करवाया जा रहा है। इस महाविद्यालय के लिए अंग्रेजी साहित्य, हिन्दी साहित्य, भूगोल, इतिहास, समाज शास्त्र, राजनीतिक विज्ञान एवं अर्थशास्त्र के विषय स्वीकृत है। वर्तमान में यहां 276 विद्यार्थी अध्ययनरत है। इनमें से 152 छात्र एवं 96 छात्राएं है।
अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में नए महाविद्यालयों का आरंभ होना एक बड़ा संदेश है। इससे नई पीढ़ी को शिक्षा प्राप्त करने में आसानी रहेगी। शिक्षा से व्यक्ति में अपार संभावनाए जन्म लेती है। इससे देश विकसित होने की दिशा में आगे बढ़ेगा। स्वतंत्रता के पश्चात दूरदर्शिता के साथ नए शिक्षण संस्थान स्थापित किए गए। सरकार महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए संकल्पबद्ध है। प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खोलकर इसकी शुरूआत की गई है। भविष्य में प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर राजकीय महाविद्यालय खोलने की सरकार की योजना है।
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि सरकार की मंशा युवाओं को उनके निवास स्थान के नजदीक उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए 123 नए कॉलेज खोलने की घोषणा की गई थी। ये समस्त कॉलेज इसी सत्र से आरम्भ होंगे। इनसे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार बढ़ेगा। साथ ही बालिकाएं भी आसानी से उच्च अध्ययन कर पाएगी।
कलेक्ट्रेट स्थित वीसी रूम से पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत एवं जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित जुड़े। विधायक श्री रावत ने मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए कहा कि राजकीय महाविद्यालय पुष्कर के लिए 3 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए थे। इनमें से एक करोड़ 64 लाख रूपये की राशि से भवन निर्माण कार्य किया गया है। शेष बची एक करोड़ 36 लाख रूपये की राशि सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास उपलब्ध है। इस राशि का उपयोग कॉलेज में अन्य सुविधाएं एवं कक्षाकक्ष बनाने के लिए किए जाने से विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। कॉलेज के लिए यूजीसी के नियमानुसार अतिरिक्त भूमि आवंटन संबंधी पत्रावली स्वायत शासन विभाग से आगे बढ़ाने के लिए कहा। साथ ही पुष्कर के धार्मिक महत्व को देखते हुए संस्कृत विषय स्वीकृत करने के संबंध में भी चर्चा की।
इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय पुष्कर की प्रधानाचार्या मंजुला मिश्रा एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।