मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक मादा चीता, जिसे ‘ज्वाला’ नाम दिया गया है, राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के बालेर गांव में पहुंच गई। यह चीता लगभग 130 किलोमीटर की दूरी तय करके यहां एक बकरी का शिकार कर चुकी थी। मंगलवार सुबह ग्रामीणों ने बकरी के बाड़े में चीता को देखा और तुरंत टाइगर रिजर्व की टीम को सूचित किया।
चीता के आक्रामक व्यवहार के कारण वन विभाग की टीम पहले प्रयास में रेस्क्यू नहीं कर पाई। इसके बाद कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दी गई। कूनो की टीम सुबह करीब 10 बजे बालेर गांव पहुंची और 15 मिनट के भीतर ज्वाला को ट्रैंकुलाइज कर कूनो वापस ले गई।
ज्वाला के गले में एक रेडियो कॉलर लगा हुआ है, जो उसके मूवमेंट की निगरानी में मदद करता है। एक दिन पहले, वह मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के मानपुर क्षेत्र में अपने शावक के साथ देखी गई थी, लेकिन बाद में वह अपने शावक से अलग होकर चंबल नदी के किनारे बालेर गांव पहुंच गई। इससे पहले, ज्वाला ने मध्य प्रदेश के विजयपुर क्षेत्र में भी शिकार किया था।
कूनो नेशनल पार्क और रणथंभौर टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के अनुसार, ज्वाला का इस क्षेत्र में आना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कूनो से चीते राजस्थान में पहुंच चुके हैं। राजस्थान में चीता संरक्षण परियोजना के तहत, 7 जिलों में 17,000 वर्ग किलोमीटर का चीता कॉरिडोर विकसित किया जाएगा, जिससे चीते कूनो से राजस्थान के मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और गांधी सागर सेंचुरी तक घूम सकेंगे।
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