कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को 8 दिन में दूसरी बार पत्र लिखा है। इसमें ममता ने बताया कि उन्होंने 22 अगस्त को रेपिस्ट को कड़ी सजा देने के लिए सख्त कानून की मांग करते हुए एक पत्र भेजा था, लेकिन इस गंभीर मुद्दे पर अभी तक प्रधानमंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
हालांकि, भारत सरकार की ओर से एक जवाब जरूर मिला, लेकिन उसमें इस मुद्दे की गंभीरता को नजरअंदाज किया गया। ममता ने फिर से अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार रेप और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर सख्त कानून बनाए, जिसमें केस के जल्द निपटारे का प्रावधान भी हो।
दरअसल, ममता ने 22 अगस्त को प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा था कि देश में रोजाना 90 रेप के मामले सामने आ रहे हैं और फास्टट्रैक कोर्ट की स्थापना की जानी चाहिए। इसके जवाब में 26 अगस्त को महिला विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में 123 फास्टट्रैक कोर्ट में से अधिकांश बंद पड़े हैं। ममता ने अपनी दूसरी चिट्ठी में इस आरोप का भी जवाब दिया।
ममता ने दूसरी चिट्ठी में कहा- राज्य में 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट चालू
- महिला विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की चिट्ठी में दावा किया गया था कि राज्य में सिर्फ 11 POCSO कोर्ट ही हैं, जो चल रहे हैं, बाकी बंद पड़े हैं। इसके जवाब में ममता ने आज कहा- राज्य में 88 फास्टट्रैक कोर्ट चल रहे हैं। 62 POCSO कोर्ट में भी लगातार सुनवाई हो रही है। इसके अलावा 10 नए POCSO कोर्ट का भी अप्रूवल दिया गया है। यह सब फैक्ट केंद्र से मिली चिट्ठी में ध्यान में नहीं रखे गए।
- ये अदालतें स्टेट गवर्नमेंट के फंड पर चलती हैं। केस की सुनवाई और निपटारा कोर्ट के हाथ में ही रहता है। इसमें सरकारें कुछ नहीं कर सकतीं। सेंट्रल गवर्नमेंट की गाइडलाइन के मुताबिक, रिटायर्ट ज्यूडिशियल ऑफिसर्स ही फास्टट्रैक कोर्ट के प्रिसाइडिंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त हो सकते हैं।
- ममता ने मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा- हाल ही में हाईकोर्ट ने कहा था कि जघन्य अपराधों के मामले में परमानेंट ज्यूडिशियल ऑफिसर को नियुक्त करना चाहिए। इस नियुक्ति के लिए आपका हस्तक्षेप जरूरी है। इसके अलावा राज्य में 112 और 1098 हेल्पलाइन भी सही तरीके से चल रही है।
ममता ने पीएम को पिछली चिट्ठी में लिखा था- रोज 90 रेप हो रहे हैं
सीएम ममता बनर्जी ने मोदी को लिखा था- मौजूदा डेटा बताता है कि देश में रोज 90 रेप केस हो रहे हैं। ज्यादातर मामलों में रेप पीड़ित की हत्या हो जाती है। यह ट्रेंड भयावह है। यह समाज और देश के आत्मविश्वास और विवेक को झकझोर देता है। यह हमारा कर्तव्य है कि महिलाएं सुरक्षित महसूस करें।
इसके लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार एक कड़ा कानून बनाए, जिसमें इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले को कड़ी सजा का प्रावधान हो। ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाना चाहिए। पीड़ित को जल्द न्याय मिल सके, इसके लिए जरूरी है कि ट्रायल 15 दिन में पूरा कर लिया जाना चाहिए।
ममता की पहली चिट्ठी पर केंद्र का जवाब- बंगाल में सिर्फ 11 फास्टट्रैक कोर्ट चालू
ममता की पहली चिट्ठी का जवाब केंद्र सरकार की ओर से महिला विकास और परिवार कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने दिया था। उन्होंने कहा था- बंगाल में कुल 123 फास्टट्रैक कोर्ट शुरू किए गए, लेकिन उनमें अधिकतर बंद हैं। इसके अलावा अन्नपूर्णा देवी ने कहा था कि बंगाल में POCSO के पेंडिंग केस को लेकर ममता सरकार कोई कदम नहीं उठ रही है।