भारत की विदेश नीति और रणनीतिक सहयोग पर चर्चा करते हुए, हाल के घटनाक्रमों ने यह सवाल उठाया है कि अमेरिका और रूस में से किसका साथ भारत के लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है। विशेष रूप से, अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ और व्यापारिक प्रतिबंधों के संदर्भ में यह चर्चा महत्वपूर्ण हो गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के पीछे की वजहों का विश्लेषण करने के लिए कई विशेषज्ञों ने ध्यान केंद्रित किया है। कुछ का मानना है कि ये टैरिफ न केवल व्यापारिक मुद्दों से संबंधित हैं, बल्कि इसके पीछे रणनीतिक कारण भी हो सकते हैं।
रूसी मीडिया ने इस स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि अमेरिका का यह कड़ा रुख भारत के साथ उसके संबंधों को प्रभावित कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप, भारत और चीन के बीच सहयोग बढ़ सकता है, जो अमेरिका की नीतियों के प्रति एक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
इस संदर्भ में, भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपने हितों की रक्षा करते हुए सही साझेदार का चयन करे। वैश्विक राजनीति में इन दो शक्तियों के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
Tags: भारत, अमेरिका, रूस, ट्रेड वार, विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंध