बूंदी के गुरुकुल में अग्निकांड बूंदी जिले के नैनवा उपखंड क्षेत्र में बुधवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। देई थाना क्षेत्र के तलवास गांव में स्थित श्रीमद गुरु कार्ष्णि गुरुकुल में भीषण आग लग गई। इस अग्निकांड में तीन नाबालिग बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। इनमें से दो की हालत नाजुक बनी हुई है। घायलों को तुरंत उपचार के लिए कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
घटना का विवरण जानकारी के अनुसार, आग देर रात गुरुकुल के आवासीय हिस्से में लगी। बच्चे उस समय सो रहे थे, जब अचानक आग फैल गई। आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है। स्थानीय लोगों और गुरुकुल के स्टाफ की तत्परता से बच्चों को आग से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक तीन बच्चे बुरी तरह झुलस चुके थे।
बूंदी के गुरुकुल में अग्निकांड स्थानीय प्रशासन की सक्रियता घटना की जानकारी मिलते ही नैनवा के पुलिस उपाधीक्षक शंकर लाल मीणा और देई थाना के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तुरंत बच्चों को नजदीकी अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिलवाया, लेकिन गंभीर हालत देखते हुए उन्हें कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस अस्पताल रेफर किया गया।
पुलिस उपाधीक्षक शंकर लाल मीणा ने कहा, “घटना की जांच शुरू कर दी गई है। हम आग के कारणों की पूरी तरह से जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।”
परिवारों में शोक घटना के बाद से घायलों के परिवार सदमे में हैं। गुरुकुल प्रशासन भी इस घटना से गहरा आहत है। प्रशासन ने आग की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है, जो यह पता लगाएगी कि आग कैसे लगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
आगे की जांच फिलहाल, पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा पूरे मामले की गहन जांच जारी है। घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है ताकि आग लगने के सही कारणों का पता लगाया जा सके। पुलिस अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि आग के समय गुरुकुल में सुरक्षा के क्या इंतजाम थे और क्या किसी प्रकार की लापरवाही इस घटना का कारण बनी।
यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि शैक्षणिक संस्थानों में अग्नि सुरक्षा उपायों की सख्त निगरानी और पालन आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।