नागौर: शवों को मुक्तिधाम तक पहुंचने में भी करना पड़ रहा है इंतजार, रेलवे फाटक आठ महीनों से बंद
नागौर में बीते आठ सालों से निर्माणाधीन ओवरब्रिज का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है, और पिछले आठ महीनों से बीकानेर रेलवे फाटक बंद पड़ा है। इस वजह से शहरवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान करने वाला कोई नहीं दिख रहा।
इस रेलवे फाटक के बंद होने से शहर के कई जरूरी स्थान, जैसे मोक्षधाम, मुख्य थाना कोतवाली, कृषि उपज मंडी, और अन्य बड़े सरकारी कार्यालयों तक पहुंचने में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर शहर के 12 समाजों के मोक्षधाम इस फाटक के दूसरी ओर स्थित हैं, जिससे शव यात्रा के दौरान लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। कई बार सड़क पर घंटों तक शवों के साथ खड़े रहना पड़ता है, क्योंकि फाटक बंद होने के कारण रास्ता बाधित हो जाता है।
शहरवासियों की नाराजगी
पिछले दिनों शहरवासियों ने जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें फाटक को तुरंत खोलने की मांग की गई। स्थानीय नागरिक रूपसिंह पंवार ने बताया कि पिछले आठ महीने से जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला। उन्होंने कहा कि अब शहरवासी और इंतजार नहीं करेंगे।
आंदोलन की चेतावनी
शहरवासियों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि 25 सितंबर तक फाटक नहीं खोला गया, तो वे रेल रोको आंदोलन करेंगे। इसके तहत स्थानीय लोगों ने तेजाजी महाराज का जागरण और सुंदरकांड का पाठ आयोजित करने की योजना बनाई है, जिससे प्रशासन जागे और उनकी समस्याओं का समाधान करे।
यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब आठ महीने पहले ओवरब्रिज के निर्माण के चलते रेलवे फाटक बंद कर दिया गया था। अब तक ना तो ओवरब्रिज का काम पूरा हुआ और ना ही फाटक खोला गया, जिससे शहरवासी त्रस्त हो गए हैं।