मदनगंज किशनगढ़।
जन्माष्टमी पर्व पर धर्मोपदेश देते हुए आचार्य सुनील सागर महाराज ने सोमवार को सन्मति समवशरण कहा कि श्री कृष्ण के जीवन से जिंदगी में मौका मिले तो सारथी बनना। लेकिन कभी स्वार्थी नहीं बनने की सीख मिलती है। सारथी स्वयं के साथ दूसरों को भी आगे ले जाता है वहीं स्वार्थी अपने हित के लिए दूसरों को भी मार डालता है। श्री कृष्ण का जीवन बहुत शिक्षाप्रद है। स्वदेश, प्रकृति, पर्यावरण, धर्म, संतों के संरक्षण का प्रेम का व्यक्तित्व श्री कृष्णा में मिलता है। इंसान, सदग्रहस्थ, सम्राट जीवन में क्या कर सकते है उसका श्रेष्ठ उदाहरण श्री कृष्ण का जीवन है। आचार्यश्री ने कहा कि श्री कृष्ण का एक वादा जैन धर्म की आगामी चौबीसी में 16वें तीर्थंकर बनकर पूरा करेंगे। हमने भावी तीर्थंकर का जन्मोत्सव मना रहे हैं। कर्म फल के सहयोग से ही संसार चल रहा है। इंसान को स्वयं की जिम्मेदारी स्वयं लेनी होगी। कर्म के अनुसार फल मिलेगा। जिन शासन को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है। तीर्थ की सुरक्षा संरक्षण के लिए प्रत्यक श्रावक को सहयोग करना चाहिए। जिन धर्म से ही दुनिया में शांति होगी, अहिंसा, अभय, विश्वास, आत्मीयता का माहौल रह सकता है। आजकल संख्या बल बहुत मायने रखता है। गर्भपात महापाप है। तीर्थ क्षेत्र की रक्षा के लिए किशनगढ़ का नाम जाना जाता है। तीर्थ क्षेत्रो की सुरक्षा व संरक्षण तन, मन, धन से खुलकर सहयोग करना चाहिए। जैन तीर्थ पर जीव हत्या होना बहुत बड़ा पाप है। श्री कृष्ण का जीवन परिस्थितियों में हार नहीं मानना सीखना है। साहस व धैर्य का जीवन में बड़ा रोल होता है। सोच बड़ी होने पर ही महान बन सकते है। अपने सामर्थ से ज्यादा दान देना चाहिए। प्रकृति का सम्मान करने पर पक्षी का पंख भी मुकुट बन जाता है। श्री कृष्णा ने प्राकृतिक जीवन दिया है। चोरी वही करनी चाहिए जो स्वयं के लिए लाभ दायक एवं दूसरों के लिए नुकसान दायक नहीं हो। स्वास्थ्य के लिए देसी चीजों का उपयोग करना चाहिए। नीति का त्याग कभी नहीं करना चाहिए। आचार्यश्री ने कहा कि मोर पंख के पांच रंगों के समान पंच परमेष्ठी के रंगों से जीवन को सजाकर सुंदर बनाना चाहिए। जिस प्रकार बांसुरी के छेद को उंगलियों से सही तरीके से बंद करने पर संगीत बजाया जाता है उसी प्रकार जीवन में आने वाले संकटों का मैनेजमेंट ऐसे करो की समस्या में भी जीवन आनंदमय हो जाए। प्लास्टिक में रखकर खाने की चीज फेंकने में गो हत्या का पाप लगता है। गाय धरती की लक्ष्मी है। प्रकृति, धर्म, तीर्थ, संस्कृति को कभी नहीं भूलना चाहिए। महापुरुषों के जीवन से शिक्षा लेकर जीवन का कल्याण करना चाहिए।
श्री कृष्ण की लीलाओं का मंचन
वर्षा योग समिति के तत्वाधान एवम आचार्य सुनील सागर महाराज ससंघ के सान्निध्य में सोमवार को जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह श्रीजी का अभिषेक व शांतिधारा की गई। प्रचार प्रसार प्रभारी संजय जैन ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन, आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन राजकुमार, पवन कुमार, मनोज कुमार बड़जात्या, प्रदीप कुमार, पीयूष, सौरभ गंगवाल परिवार ने करके किया। कार्यक्रम में मंगलाचरण के पश्चात आदिनाथ पब्लिक स्कूल एवम आचार्य धर्मसागर विद्यालय के बालक बालिकाओं ने श्री कृष्ण लीलाओं का भक्ति नृत्य के साथ मंचन कर माहौल कृष्णमय बना दिया। कार्यक्रम में जीवन ज्योति नगर के नन्हे मुन्ने बच्चों ने भी शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में तीर्थ क्षेत्र कमेटी अध्यक्ष जंबू जैन, आरके मार्बल ग्रुप के चेयरमैन अशोक पाटनी, श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन पंचायत अध्यक्ष विनोद पाटनी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। फैंसी ड्रेस में नन्हे मुन्ने बालक बालिकाओं ने नेमी कुमार, राजूल, श्री कृष्ण, रुक्मणी, वासुदेव, पांच पांडव का वेश धारण कर सबका मन मोह लिया। सभी को कमेटी द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। दोपहर में सामयिक, स्वाध्याय, शाम को पण्य पुच्छा एवम आरती की गई।
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