जयपुर में शुक्रवार को हुए भीषण हादसे ने कई जिंदगियां उजाड़ दीं। स्लीपर बस में लगी आग में राजस्थान आरएसी की चतुर्थ बटालियन की महिला कांस्टेबल अनीता मीणा (28) भी अपनी जान गंवा बैठीं। पहचान करना भी मुश्किल था, लेकिन अनीता की नेल पॉलिश और बिछिया ने उनकी पहचान सुनिश्चित की।
परिवार की आर्थिक रीढ़ थीं अनीता
अनीता जयपुर जिले के दूदू से ड्यूटी के लिए चैनपुरा जा रही थीं। 2016 बैच की कांस्टेबल अनीता का परिवार खेती पर निर्भर था, लेकिन उनकी नौकरी ने घर की आर्थिक स्थिति को संभाला था। उनके भाई बसराम के मुताबिक, अनीता के दो छोटे बच्चे हैं—10 साल की बेटी और 7 साल का बेटा। इस हादसे ने न केवल उनकी जान ली, बल्कि उनके बच्चों और पति के भविष्य को भी अंधकार में धकेल दिया।
200 फीट ऊंची आग की लपटें और जलते पक्षी
सुबह 5:30 बजे स्लीपर बस में लगी आग के भयावह दृश्य ने सबको झकझोर कर रख दिया। हादसे की वजह एलपीजी टैंकर और माचिस से लदे ट्रक की टक्कर थी, जिसमें 18 टन एलपीजी भरी हुई थी। धमाका इतना भयंकर था कि आग की लपटें 200 फीट ऊंची उठीं, और 40 से ज्यादा वाहन जलकर खाक हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पास से गुजरने वाले पक्षी तक झुलस गए, और मौके पर अफरातफरी का माहौल बन गया।
बस में फंसे लोग जिंदा जल गए
बस में सवार एक यात्री ने बताया कि अचानक बस रुक गई, और धमाके की तेज आवाज के बाद आग फैल गई। दरवाजे बंद थे,