दोहरी धनतेरस का उल्लास जयपुर । इस बार धनतेरस का शुभ संयोग दो दिनों तक मनाया जा रहा है, जिससे बाजार में जबरदस्त रौनक और कारोबारियों के चेहरे पर उत्साह देखने को मिल रहा है। उम्मीद है कि इन दो दिनों में जयपुर में करीब 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होगा। धनतेरस पर विशेष रूप से सोने और चांदी की मांग में उछाल है, और करीब दो हजार किलो चांदी के सिक्के और नोट बाजार में बिक्री के लिए तैयार किए गए हैं। बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और ज्वैलरी की दुकानों पर सबसे अधिक भीड़ है।
बाजार में सोने-चांदी की कीमतों में करेक्शन का फायदा
पिछले कुछ दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आई थी, लेकिन धनतेरस से ठीक पहले कीमतों में थोड़ी कमी आई है, जिससे खरीददारों को अच्छा मौका मिल रहा है। जहां पिछले साल धनतेरस पर सोने की कीमत 61 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम थी, वह अब 80 हजार रुपये के पार पहुँच चुकी है। वहीं, चांदी की कीमत पिछले धनतेरस पर 70 हजार रुपये प्रति किलो थी, जो अब एक लाख रुपये का आंकड़ा पार कर गई है। बीते साल में सोने ने 33% और चांदी ने 40% तक का रिटर्न दिया है, जिससे निवेशक भी आकर्षित हुए हैं।
शुद्धता की जांच के लिए BIS सेंटर
धनतेरस पर शुद्धता का भरोसा सुनिश्चित करने के लिए, जयपुर में करीब 22 भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के हॉलमार्क सेंटर उपलब्ध हैं, जो जौहरी बाजार, सीतापुरा, वैशाली नगर, वीकेआई, झोटवाड़ा और एमआई रोड जैसे इलाकों में स्थित हैं। इन सेंटरों पर केवल 50 रुपये में सोने-चांदी की ज्वैलरी की शुद्धता की जांच करवाई जा सकती है, जिससे खरीददारों को उनके निवेश की गुणवत्ता पर भरोसा मिलता है।
बाजार में बढ़ती भीड़ और व्यापारियों की प्रतिक्रिया
धनतेरस के दो दिन होने से पिछले तीन दिनों से जयपुर के बाजारों में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिल रही है। व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता ने बताया, “इलेक्ट्रॉनिक्स के बाजार में भारी भीड़ है और सोने-चांदी की कीमतों में मंदी का कोई संकेत नहीं है। लोग इसे शुभता और निवेश के रूप में खरीद रहे हैं, जिससे उम्मीद है कि इस साल बिक्री में 40% तक की बढ़ोतरी होगी।”
जयपुर सर्राफा कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल का भी मानना है कि इस बार बाजार में उत्साह चरम पर है और सोने-चांदी की कीमतों में भविष्य में किसी बड़ी गिरावट की संभावना नहीं दिख रही है।
जयपुर के बाजारों में दिवाली की रौनक
जौहरी बाजार से लेकर प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर्स तक, हर जगह खरीदारों की भीड़ है। दिवाली का यह पर्व न केवल निवेश का बल्कि समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और इस बार दोहरी धनतेरस से बाजार में कारोबारियों को लाभ मिलना तय है।