दूसरा चरण होगा शुक्रवार से आरम्भ
घर-घर ही होगा उपचार तथा दी जाएगी दवा
पशु चिकित्सा परामर्श केन्द्र स्थापित
अजमेर, मई। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए चलाए गए घर-घर सर्वे अभियान के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए अभियान का दूसरा चरण शुक्रवार से आरम्भ किया जाएगा।
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में घर-घर सर्वे अभियान चलाया गया था। जिले में बुखार, जुकाम एवं खांसी से पीड़ित व्यक्तियों को घर पर ही उपचार सुलभ करवाया गया। इससे कम व्यक्ति बाहर निकले तथा चिकित्सा केन्द्रों पर गए। इस कारण कोरोना के संक्रमण की रफ्तार में कमी आई । इसके सकारात्मक परिणामों को देखते हुए घर-घर सर्वे अभियान का द्वितीय चरण शुक्रवार से आरम्भ किया जाएगा। इस संबंध में इन्सीडेण्ट कमाण्डर्स एवं उपखण्ड अधिकारियों को वीसी के माध्यम से निर्देश प्रदान किए गए है।
उन्होंने बताया कि घर-घर सर्वे अभियान के द्वितीय चरण के लिए स्थानीय स्तर पर दलों का गठन किया गया है। ये दल जिले के प्रत्येक घर पर जाकर परिवार के बीमार व्यक्तियों की जानकारी लेगें। बुखार, जुकाम एवं खांसी से पीड़ित व्यक्तियों का चिन्हीकरण किया जाएगा। इस प्रकार के मरीजों को मौके पर ही दवाओं के किट प्रदान किए जाएंगे। चिकित्सा विभाग द्वारा लक्षणों के आधार पर चिकित्सा करने के लिए यह किट बनाया गया है। दल द्वारा प्रत्येक परिवार को घर पर ही रहने के बारे में समझाइश की जाएगी।
किट में यह सामग्री
उन्होंने बताया कि चिकित्सा विभाग के दल द्वारा तैयार किए गए किट में एचसीक्यू (आईवरमेक्टिन), एजिथ्रोमाई सिन (डोक्सी), विटमिन सी, जिंक सल्फेट, पेरासिटामोल, लिवोसिट्रीजिन, पेन्टाडोलोज तथा असल्टामिविर दवाएं होती है।
उन्होंने बताया कि सर्वे दल द्वारा समस्त परिवारों को निकटवर्ती चिकित्सा केन्द्र में कार्यरत कार्मिकों एवं चिकित्सकों के मोबाईल नम्बर भी प्रयास किए जाएंगे। इससे किसी भी व्यक्ति में बीमारी के लक्षण दृष्टिगोचर होने पर तुरन्त चिकित्सकीय परामर्श लिया जा सकेगा। चिकित्साकर्मी द्वारा तुरन्त उपचार आरम्भ करने से मरीज की हालत में शीघ्र सुधार होगा। सर्वे में चिन्हित मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार के संबंध में चिकित्सा केन्द्र द्वारा निरन्तर जानकारी ली जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस बार सर्वे में चिन्हित मरीजों के स्वास्थ्य पर विशेष फोकस किया जाएगा। प्रत्येक मरीज के ऑक्सीजन लेवल को मेन्टेन रखने के लिए प्रयास किए जाएंगे। चिकित्सा विभाग के कार्मिकों को सरकार द्वारा ऑक्सीपल्स मीटर उपलब्ध करवाए गए है। चिन्हित मरीजों के लिए इनका उपयोग किया जाएगा। स्थानीय चिकित्साकर्मी चिन्हित मरीजों के घर जाकर ऑक्सीजन लेवल की जांच करेंगे।
उन्होंने बताया कि सर्वे दल द्वारा मरीजों तथा परिजनों को ऑक्सीजन लेवल मैन्टन रखने के बारे में प्रोनिंग के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके अन्तर्गत चिकित्सकों द्वारा सुझाए गए व्यायाम एवं लेटने के पॉस्चर के बारे में बताया जाएगा। ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए 30 मिनट से 2 घण्टे पेट के बल लेटें। फिर 30 मिनट से 2 घंटे दांयी तरफ (सीधा हाथ नीचे) लेटे। इसके पश्चात आधे घण्टे से 2 घण्टे तक मरीज की सामथ्र्य के अनुसार बैठे रहें। मरीज को इसके बाद में बांयी तरफ लेटकर आधे घण्टे से 2 घण्टे पेट के बल लेटना होगा। प्रोनिंग के दौरान एक तकिया गर्दन के नीचे, एक या दो तकिए छाती और जांघ के ऊपरी हिस्से के बीच तथा दो तकिए पैरों की पिंडलियों के नीचे रखें। भोजन के पश्चात एक घण्टे तक तथा गर्भावस्था में प्रोनिंग से बचना चाहिए। मरीज आरामदायक तरीके से अधिकतम 16 घण्टे तक प्रोनिंग कर सकता हैं।
पशु चिकित्सा परामर्श केन्द्र स्थापित
- Ajmer
- Crime
- Daily News
- Jaipur
- Local News
- अंतरराष्ट्रीय
- खेल
- जीवन शैली
- मनोरंजन
- राजनीति
- रेलवे
- व्यापार
- समाचार
- सांस्कृतिक
- सांस्कृतिक
अजमेर, 6 मई। कोरोना काल में पशुपालकों की सुविधा के लिए शास्त्रीनगर स्थित बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सा परामर्श केन्द्र स्थापित किया गया है। यहां फोन पर पशुओं की बीमारियों का उपचार उपलब्ध रहेगा।
बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय के उप निदेशक डॉ. नवीन परिहार ने बताया कि पशुपालकों के तथा डॉग ऑनर को घर पर ही पशु चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए पशु चिकित्सा परामर्श केन्द्र की स्थापना बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में की गई है। इस दूरभाष नम्बर 0145-2429447 पर सम्पर्क कर पशुओं की चिकित्सा के लिए परामर्श लिया जा सकता है। यह नम्बर प्रातः 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक कार्यरत रहेगा। पशुपालक अपने पशु जैसे गाय, भेंस, कुत्ता, घोडा, ऊंट, बिल्ली आदि के बारे में परामर्श ले सकते हैं। चिकित्सक के परामर्श के अनुसार घर पर ही पीने की दवाई, गोली, पाउडर, महलम, एन्टीसेप्टीक दवाई, पशुओं के नाशक परजीवीयों तथा पशुओं के ब्याने के पश्चात जेर गिरने की दवाई आदि समस्त प्रकार की दवाइयां नजदीकी मेडिकल स्टोर से खरीद कर निर्धारित मात्रा में पशुओं को दे सकते है। इससे पशुपालक कोरोना के प्रकोप को रोकने में अपने स्वयं एवं आमजन की मदद कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सभी पशुपालक आकस्मिक पशु चिकित्सा अथवा गंभीर रूप से घायल पशुओं के लिए ही अपने पशुओं को पशु चिकित्सालय ले जाएं। सामान्य बीमारियों के लिए पशु चिकित्सक से फोन पर परामर्श कर अपने घर ही पशुओं का इलाज कर सकते है। कोरोना महामारी के दौरान डॉग ऑनर को मामूली बीमारी जैसे डॉग्स का मोटा होना, नाखुन काटना, बाल झड़ना, हल्की सी खुजली आदि के लिए अपने डॉगस को लेकर बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय आने से बचना चाहिए। इससे कोविड गाईडलाईन की पालना होगी।