तीसरा चरण होगा सोमवार से आरम्भ
पहले दो चरणों में अजमेर जिले में 37 हजार से अधिक को घर बैठे मिली उपचार की सुविधा,
कोरोना की चेन तोड़ने में मिली मदद
अजमेर, 22 मई। घर-घर सर्वे अभियान के दो चरणों के सकरात्मक परिणाम सामने आने से जिला प्रशासन द्वारा तृतीय चरण सोमवार 24 मई से आरम्भ करने का निर्णय लिया गया है।
जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने तथा मरीजों को प्राथमिक स्तर पर ही चिन्हित करके उपचार सुलभ कराने के लिए घर-घर सर्वे अभियान दो चरणों में चलाया गया था। अभियान के दोनों चरणों के परिणाम सकरात्मक रहें। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने तृतीय चरण सोमवार से आरम्भ करने का निर्णय लिया है। इस अभियान में इंसीडेंट कमाण्डर की देखरेख में गठित दलों द्वारा प्रत्येक घर पर पहुंच कर खांसी, जुकाम एवं बुखार से पीड़ित मरीजों का चिन्हीकरण किया जाएगा। इन मरीजों को मौके पर ही दवा वितरण करने के साथ ही घर पर ही रहने के लिए पाबंद किया जाएगा। मरीजों के परिजनों को भी मरीज के स्वस्थ होने तक घर पर ही रहने के लिए समझाइश की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जिले में चलाए गए घर-घर सर्वे अभियान के अंतर्गत दोनो चरणों में 37 हजार से अधिक बुखार, जुकाम एवं खांसी के मरीजों को घर बैठे उपचार सुलभ करवाया गया। राज्य सरकार द्वारा घर-घर सर्वे एवं दवा वितरण का अभियान चलाया गया था। प्रथम चरण 28 अप्रैल से आरम्भ किया गया। द्वितीय चरण 7 मई से पूरे जिले में चलाया गया। लगातार दो बार मरीजों की ट्रेसिंग होने से कोरोना की चेन को तोड़ने में मदद मिली। घर पर ही उपचार मिलने से मरीज तथा परिजन घर पर ही रहे। इस कारण संक्रमण का प्रसार रूक गया।
उन्होंने बताया कि घर-घर सर्वे अभियान के दोनों चरणों में जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए इंसीडेन्ट कमाण्डर्स नियुक्त किए गए। इन्होंने माइक्रोलेवल पर कार्य करते हुए क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर दलों का गठन किया। ये दल जिले के प्रत्येक परिवार एवं घर तक पहुंचे तथा बुखार, जुकाम एवं खांसी के लक्षणों वाले मरीजों का चिन्हीकरण किया। इन मरीजों तथा परिजनों को कोरोना के संबंध में जागरूक करने के साथ-साथ मौके पर ही चिकित्सा विभाग द्वारा तैयार किए गए किट उपलब्ध करवाकर उपचार आरम्भ किया।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के दोनों चरणों में 37898 व्यक्तियों को मेडिकल किट दिए गए। इनमें प्रथम चरण के 17175 तथा द्वितीय चरण के 20723 मेडिकल किट शामिल है। दोनों चरणों में 41415 व्यक्तियों का चिन्हीकरण किया गया था। इनमें से 3517 व्यक्तियों ने जागरूकता अपनाते हुए तुरन्त चिकित्सालय से उपचार आरम्भ कर दिया। शेष 37898 व्यक्तियों को दलों ने मेडिकल किट मौके पर उपलब्ध करवाया। जिले के लगभग 4 लाख परिवारों का सर्वे दोनों चरणों में किया गया। प्रत्येक परिवार पर दो-दो बार सर्वे दलों की पहुंच होने से प्रत्येक बीमार व्यक्ति का चिन्हीकरण संभव हो पाया। इससे प्रारम्भिक स्तर पर रोग का पता लग जाने से घर पर ही ईलाज से मरीज स्वस्थ हो गए। इस प्रकार के मरीज गंभीर स्थिति तक नहीं पहुंचे। यह इस अभियान की उपलब्धि है।
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए जिले के प्रत्येक घर पर सर्वे टीम ने घर-घर जाकर सर्वे किया। प्रथम चरण के सर्वे अभियान में 15404 घरों में 18742 मरीज पाए गए। सर्वे में 17175 व्यक्तियों को मेडिकल किट उपलब्ध करवाए गए। अजमेर शहर में 2504 घरों में 2636 मरीजों को 2637 मेडिकल किट दिए गए। प्रथम चरण के सर्वे अभियान में उपखण्ड क्षेत्र ब्यावर के 58443 घरों के सर्वे में 2862 घरों में 3231 व्यक्ति बुखार, जुकाम एवं खांसी के लक्षणों वाले पाए गए। इनमें से 2620 व्यक्तियों को मेडिकल किट दिए गए। भिनाय क्षेत्र में 23644 घरों का सर्वे हुआ। इनमें से 682 घरों में 774 मरीजों को 770 मेडिकल किट दिए गए। मसूदा क्षेत्र के 35511 परिवारों के सर्वे 1723 परिवारों में 1983 व्यक्ति बीमार थे। इनमें से 1867 को मेडिकल किट उपलब्ध कराए गए। किशनगढ़ क्षेत्र के 38165 घरों के सर्वे में 644 परिवारों में 998 मरीजों में से 818 को मेडिकल किट उपलब्ध करवाया गया।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार उपखण्ड क्षेत्र नसीराबाद में प्रथम चरण के अन्तर्गत 29795 घरों का सर्वे करने पर 1277 परिवारों में 1871 मरीज चिन्हित किए गए। इन्हें मेडिकल किट देकर उपचार आरम्भ किया गया। पीसांगन उपखण्ड क्षेत्र में 27946 परिवारों से सम्पर्क करने पर 818 परिवारों में 1258 मरीज पाए गए। इन्हें मेडिकल किट देकर लाभान्वित किया गया। केकड़ी क्षेत्र के 27644 घरों के सर्वे में 1375 घरों में 1952 मरीजों में से 1579 को मेडिकल किट दिया गया। पुष्कर क्षेत्र में 10983 घरों का सर्वे दलों द्वारा किया गया। यहां 615 घरों में 647 मरीज पाए जाने पर 634 व्यक्तियों को मेडिकल किट दिया गया। रूपनगढ में 13608 घरों के सर्वे में से 331 घरों में 458 मरीजों में से 281 को मेडिकल किट दिए गए। सरवाड़ क्षेत्र में 24988 घरों में से 1723 परिवारों के 2051 सदस्य बीमार पाए जाने पर इन्हें मेडिकल किट मौक पर दिया। टॉडगढ क्षेत्र के 7957 परिवारों में से 472 घरो में 489 व्यक्ति आईएलआई लक्षणों वाले थे। इनमें से 422 को दवा दी गई। अरांई क्षेत्र में 12987 घरों का सर्वे करने पर 378 घरों में 412 व्यक्ति बीमार पाए जाने पर 388 मेडिकल किट दिए गए।
उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण में सर्वे किए गए घरों में से 20636 घरों में 22673 मरीज खांसी, बुखार एवं जुकाम के पाए गए। इनमें से 20723 व्यक्तियों को चिकित्सा विभाग द्वारा तैयार मेडिकल किट मौके पर ही दिए गए। अजमेर शहर के लिए 9 इंसीडेंट कमांडर्स नियुक्त किए गए थे। इनके दलों द्वारा सर्वे किए गए घरों में से 1540 घरों में 2883 व्यक्ति बीमार पाए गए। इन्हें मेडिकल किट प्रदान कर उपचार आरम्भ किया गया।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में उपखंड अधिकारी को ही इंसीडेंट कमांडर के रूप में नियुक्त किया गया था। इनके द्वारा अपने उपखंड क्षेत्र में दलों का गठन कर घर-घर सर्वे अभियान चलाया गया। उपखंड क्षेत्र ब्यावर में 56628 घरों का सर्वे पूर्ण किया गया। सर्व किए गए घरों में 2519 घरों में 3347 मरीज पाए गए। इनमें से 2325 मरीजों को मेडिकल किट मौके पर दिए गए। भिनाय में 23644 घरों के सर्वे में 1055 घरों में 1230 मरीज खांसी, बुखार एवं जुकाम के पाए गए। समस्त व्यक्तियों को मेडिकल किट दिए गए। किशनगढ क्षेत्र में 38549 घरों के सर्वे के दौरान एक हजार घरों में 1175 मरीजों को 984 मेडिकल किट दिए गए। मसूदा में 35511 घरों के सर्वे में 2156 घरों में 2338 मरीजों को मेडिकल किट दिए गए। नसीराबाद में 29795 घरों में 2198 घरों में 2509 मरीजों का चिन्हीकरण कर 2114 मेडिकल किट दिए गए। पीसांगन में 27946 घरों में से 1226 घरों में 1922 मरीज पाए गए। सभी को मेडिकल किट दिए गए।
उन्होंने बताया कि जिले के केकड़ी उपखण्ड क्षेत्र में 37250 घरों का डोर टू डोर सर्वे पूर्ण किया गया। इनमें से 3241 घरों में 3519 मरीज पाए गए। सभी को मेडिकल किट मौके पर दिए गए। पुष्कर के 10983 घरों के सर्वे में 553 घरों में 599 मरीज पाए गए। इनमें से 368 को मेडिकल किट दिए गए। रूपनगढ में कुल 13608 घर सर्वे योग्य है। सर्वे में 165 घरों में 272 मरीज पाए गए तथा 157 को मेडिकल किट दिए गए। सरवाड़ में 24988 घरों के सर्वे में 1530 घरों में 1639 मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध करवाए गए। टॉडगढ में 7957 सर्वे किए गए घरों में से 537 घरों में 544 मरीज पाए गए। इनमें से 483 को मेडिकल किट दिए गए। अरांई में 18380 घरों के सर्वे में 622 घरों में 696 मरीजों को मेडिकल किट दिए गए।