केकड़ी न्यूज: जी का जंजाल बनी नई नवेली टांटोती नगरपालिका, केकड़ी के टांटोती कस्बे को हाल ही में नगरपालिका का दर्जा मिलने के बाद भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ है। अक्टूबर में नगर पालिका घोषित हुए इस क्षेत्र में अभी तक किसी स्थायी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं हुई है। नतीजतन, यहां के निवासी मूलभूत सेवाओं के लिए परेशान हो रहे हैं।
अधिसूचना के बाद भी सुविधाएं नदारद
10 अक्टूबर 2024 को टांटोती ग्राम पंचायत को चतुर्थ श्रेणी नगरपालिका का दर्जा दिया गया। इसके तहत ग्राम पंचायत के निर्वाचित सरपंच को नगरपालिका अध्यक्ष और उपसरपंच को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था और कार्मिकों की नियुक्ति में देरी ने नागरिकों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
बंद पड़े पंचायत कार्य
पालिका के गठन के बाद पंचायत समिति ने ऑनलाइन सेवाएं रोक दी हैं। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड सुधार, और जन आधार अपडेशन जैसे छोटे कार्य भी अटके हुए हैं। प्रशासनिक भवन पर अब भी “ग्राम पंचायत टांटोती” लिखा हुआ है, जिससे स्पष्ट है कि पालिका का संचालन अब तक शुरू नहीं हो पाया है।
पहला चेयरमैन और भविष्य की योजनाएं
ग्राम पंचायत के सरपंच ओम डूंगरवाल को टांटोती नगर पालिका का पहला चेयरमैन नियुक्त किया गया है। 1 दिसंबर से वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें 20 वार्ड बनाए जा सकते हैं। हालांकि, कार्मिकों की नियुक्ति और आधारभूत संरचना तैयार करने की दिशा में ठोस कदम अब भी प्रतीक्षित हैं।
प्रशासनिक बयान
अजमेर क्षेत्रीय उप निदेशक सना सिद्दीकी के अनुसार, टांटोती में जल्द ही कर्मचारियों की नियुक्ति होगी। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि जयपुर मुख्यालय से ईओ की नियुक्ति की जाएगी।
नागरिकों की उम्मीदें
टांटोती के लोग इस बदलाव को विकास की दिशा में एक कदम मानते हैं। लेकिन इस बीच, प्रशासनिक कछुआ चाल ने उनकी उम्मीदों को झटका दिया है। क्षेत्रीय विधायक शत्रुघ्न गौतम से लोग इस मसले पर जल्द समाधान की अपेक्षा कर रहे हैं।
यह स्थिति प्रशासनिक सुस्ती का एक उदाहरण है, जहां नागरिकों की समस्याओं का तत्काल समाधान प्राथमिकता होनी चाहिए।