केंद्र सरकार का बड़ा फैसला राजस्थान के अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। पिछले दो वर्षों से लंबित स्कॉलरशिप अब केंद्र सरकार ने मंजूर कर दी है। यह छात्रवृत्ति योजना राज्य के अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों की शिक्षा में मदद के लिए चलाई जाती है, लेकिन स्कॉलरशिप के वितरण में देरी के कारण हजारों छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही थी। अब केंद्र सरकार ने इस लंबित राशि को जारी करने का निर्णय लिया है, जिससे छात्रों को एक बड़ी राहत मिलेगी।
लंबित स्कॉलरशिप की समस्या
राजस्थान के अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मिलने वाली उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति पिछले दो वर्षों से वितरित नहीं की गई थी। इससे छात्रों को न केवल आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था, बल्कि उनकी शैक्षिक प्रगति भी बाधित हो रही थी। इस स्कॉलरशिप का उद्देश्य है, उन छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करना जो मैट्रिक पास कर चुके हैं और उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर हैं।
छात्रवृत्ति के अंतर्गत छात्रों को प्रति वर्ष 15,000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है, लेकिन 2022-23 और 2023-24 के शैक्षणिक वर्षों के लिए यह राशि रोक दी गई थी। इसका सीधा प्रभाव उन छात्रों पर पड़ा जो इस वित्तीय सहायता पर निर्भर थे। कई छात्र अपनी पढ़ाई जारी रखने में सक्षम नहीं थे, क्योंकि उन्हें ट्यूशन, पुस्तकें, और अन्य शैक्षणिक सामग्री खरीदने के लिए धन की कमी का सामना करना पड़ रहा था।
केंद्र सरकार का बड़ा कदम
अब केंद्र सरकार ने 250 करोड़ रुपये का बजट जारी करने का निर्णय लिया है, जिससे राजस्थान के अनुसूचित जनजाति छात्रों को लंबित छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा सकेगा। इस बजट में वर्ष 2022-23 के लिए 192.45 करोड़ रुपये और वर्ष 2023-24 के लिए 57.54 करोड़ रुपये शामिल हैं। इस छात्रवृत्ति योजना से सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र लाभान्वित होंगे।
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद, यह स्कॉलरशिप सीधे छात्रों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे उन्हें अपनी पढ़ाई की बाधाओं से राहत मिलेगी। इससे लगभग 70,000 से अधिक छात्र लाभान्वित होंगे, जिनकी शिक्षा वित्तीय सहायता के अभाव में अटक गई थी।
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला राजस्थान के अनुसूचित जनजाति समाज पर प्रभाव
यह स्कॉलरशिप उन छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो सीमित संसाधनों के बावजूद उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। इस छात्रवृत्ति के अभाव में, कई छात्र उच्च शिक्षा के अपने सपने को पूरा नहीं कर पा रहे थे। अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए यह वित्तीय सहायता एक प्रोत्साहन के रूप में काम करती है, जिससे वे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कदम रख सकते हैं।
राजस्थान के अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों और उनके परिवारों के लिए यह फैसला एक बड़ी राहत है। यह फैसला केवल शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि समाज में आर्थिक और सामाजिक समानता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इन परिवारों ने लंबे समय से इस राहत का इंतजार किया था, और अब उन्हें अपनी समस्याओं का हल मिलता दिख रहा है।
आवेदन प्रक्रिया में सुधार
राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित इस छात्रवृत्ति योजना के आवेदन की अंतिम तिथि पहले कई बार बढ़ाई गई थी, और अब इसे 31 जुलाई, 2024 तक बढ़ा दिया गया है। आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए विभाग द्वारा समय-समय पर नए आदेश और दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं।
इसके अलावा, स्कॉलरशिप की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रणाली को भी मजबूत किया गया है, जिससे छात्रों को अपने आवेदन आसानी से जमा करने और उसकी स्थिति ट्रैक करने की सुविधा मिल सके।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार का यह फैसला राजस्थान के अनुसूचित जनजाति छात्रों की शिक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति का आधार होती है, और इस स्कॉलरशिप योजना के माध्यम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद छात्रों की शिक्षा बाधित न हो। यह कदम समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने और उनके शैक्षिक भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
यह फैसला न केवल छात्रों और उनके परिवारों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है कि वह समाज के हर वर्ग के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है। #CentralGovernment #Scholarship #ScheduledTribeStudents #RajasthanNews #EducationSupport #StudentWelfare #Empowerment
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