राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र में आदमखोर तेंदुए का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 12 दिनों में तेंदुए ने अब तक 7 लोगों को अपनी भेंट चढ़ा दिया है, जिससे इलाके में दहशत का माहौल व्याप्त है। वन विभाग के अधिकारियों के लिए यह स्थिति एक गंभीर चुनौती बन गई है, क्योंकि 100 से अधिक कर्मचारी और 125 जवान तेंदुए को पकड़ने के लिए तैनात हैं, लेकिन अब तक उनकी कोशिशें सफल नहीं हो पाई हैं।
हालिया हमले की घटना
ताजा जानकारी के अनुसार, मंगलवार को गोगुंदा के केलवा के खेड़ा गांव में तेंदुए ने एक महिला, कमला कुंवर राजपूत, पर हमला किया। महिला सुबह घर के पास स्थित अपने बाड़े में पशुओं को चारा डाल रही थी, तभी तेंदुए ने अचानक उस पर हमला कर दिया। बाद में महिला का क्षत-विक्षत शव बाड़े के पास मिला। यह घटना क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर चिंताओं को और बढ़ा रही है।
इसके अलावा, इसी गांव के पास स्थित चल मंदिर के बाहर सो रहे एक पुजारी को भी तेंदुए ने उठाया था। यह घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि तेंदुआ अब आबादी के करीब आ चुका है, जिससे ग्रामीणों में भय और असुरक्षा का वातावरण बन गया है।
वन विभाग की स्थिति
वन विभाग के कर्मचारी तेंदुए की तलाश में जुटे हुए हैं, लेकिन उनके प्रयासों का कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया है। तेंदुए के आतंक के कारण ग्रामीण अब अपने दैनिक कार्यों में भी हिचकिचा रहे हैं। इससे पहले की घटनाओं में तेंदुए ने एक अन्य युवक और कई मवेशियों को भी अपना शिकार बनाया था, जिससे इलाके में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
सुरक्षा उपायों की कमी
इस संकट को ध्यान में रखते हुए, वन विभाग ने सुरक्षा उपायों को बढ़ाने का निर्णय लिया है। कई गांवों में चौकसी बढ़ाई गई है, और ग्रामीणों को तेंदुए की गतिविधियों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद, ग्रामीणों में बढ़ती असुरक्षा की भावना को कम करने के लिए ठोस उपायों की आवश्यकता है। वन विभाग को चाहिए कि वे तकनीकी संसाधनों का इस्तेमाल करें, जैसे कि ट्रैप कैमरे और ड्रोन की मदद से तेंदुए की निगरानी करें।
निष्कर्ष
उदयपुर के गोगुंदा क्षेत्र में आदमखोर तेंदुए का आतंक न केवल वन्यजीवों के संरक्षण के लिए चुनौती है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। वन विभाग को चाहिए कि वे त्वरित कार्रवाई करें और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। साथ ही, लोगों को तेंदुए से बचने के उपायों के बारे में भी जागरूक करना चाहिए, ताकि इस संकट को प्रभावी ढंग से सुलझाया जा सके।