राजस्थान के दौसा जिले में कृषि मंत्री ने हाल ही में अपनी जन्म तारीख से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके और उनके बड़े भाई के जन्म में केवल चार महीने का अंतर है। उन्होंने यह कहानी अपने जन्मदिन के अवसर पर सुनाई, जब उनके समर्थकों ने उन्हें बधाई दी। मंत्री ने बताया कि उनके पिता ने स्कूल में दाखिले के समय सही तारीख याद नहीं रखी थी और मास्टरजी ने तारीख लिखते समय चार महीने का अंतर छोड़ दिया।
इस बीच, बूंदी के केशोरायपाटन में एक किसान ने बारिश के कारण अपनी धान की फसल के खराब होने पर मुआवजे की मांग की। विधायक से फोन पर बात करते हुए किसान ने अपनी समस्याओं का जिक्र किया, लेकिन विधायक ने उसे टालने का प्रयास किया। विधायक ने किसान को सुझाव दिया कि वह कलेक्टर और मुख्यमंत्री को पत्र लिखे। किसान ने विधायक की बातों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “उधर तो चुनाव जीत गया भाया?” इस पर विधायक भड़क गए और किसान को धमकी दी।
राजस्थान में इस समय पुष्कर मेला और अंता उपचुनाव के बीच चुनावी गतिविधियों में गर्मी है। निर्दलीय विधायक ने चुनाव प्रचार के दौरान ऊंट पर बैठकर रोटी खाई और हाथी पर नगर परिक्रमा की। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वे चुनाव में सभी को “छुट्टी” कर देंगे, इस दौरान उन्होंने लोकप्रिय फिल्में का उदाहरण देते हुए अपनी बात रखी।
इस बीच, एक वायरल वीडियो में जोधपुर के बालेसर के एक गांव की बेटियों को स्कूल जाने के लिए टेम्पो के पीछे लटकते हुए दिखाया गया है। इस दृश्य पर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसमें पूछा गया है कि “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” के नारे का क्या होगा जब बेटियों को इस तरह यात्रा करनी पड़ती है।
Tags: राजस्थान, किसान, विधायक, मुआवजा, चुनाव, पुष्कर मेला

